शुक्रवार 6 जून 2025 - 19:15
दुआ-ए-अरफ़ा बंदगी और मारफ़त का एक संपूर्ण पाठशाला है।मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी

हौज़ा / मदरसा जामिआ इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स. जौनपुर में यौम ए अरफ़ा के मुबारक मौके पर एक रूहानी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दुआ-ए-अरफ़ा की सामूहिक तिलावत की गई।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , मदरसा जामिआ इमाम जाफ़र सादिक़ अ.स. जौनपुर में यौम-ए-अरफ़ा के मुबारक मौके पर एक आध्यात्मिक और भावनात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दुआ-ए-अरफ़ा की सामूहिक तिलावत की गई।

इस कार्यक्रम की सदारत मदरसे के निदेशक मौलाना सैयद सफदर हुसैन ज़ैदी ने की अपने संबोधन में उन्होंने कहा,दुआ-ए-अरफ़ा इबादत अल्लाह की पहचान (मारिफ़त), और शुक्र का एक महान पाठ है।

यह केवल शब्दों का संग्रह नहीं, बल्कि दिल की गहराइयों से खुदा के करीब होने का माध्यम है।हमें इसकी आत्मा को समझकर इसे अपनी व्यावहारिक ज़िंदगी में अपनाना चाहिए।

इस रूहानी जलसे में मदरसे के वरिष्ठ उस्तादों, छात्रों और शहर के मोमिनों की बड़ी संख्या ने शिरकत की।उलेमा ए किराम ने दुआ-ए-अरफ़ा के मानी, इमाम हुसैन (अ.स.) के पैग़ामात और यौम-ए-अरफ़ा की अहमियत पर रौशनी डाली।

दुआ-ए-अरफ़ा के असरअंगेज़ कलिमात ने दिलों को रोशन कर दिया और कई की आँखें अश्कबार हो गईं।अंत में मग़रिबैन की सामूहिक नमाज़ अदा की गई।खातिब ने अल्लाह की मारिफ़त इंसाफ़, शुक्रगुज़ारी, और एक नेक बंदे बनने के संदेश को उजागर किया।

इस प्रोग्राम में मौलाना सैयद आसिफ अब्बास रिज़वी,मौलाना ज़फ़र हसन ख़ान,मौलाना राशिद अब्बास ख़ान,मौलाना अब्बास रज़ा आबदी,मौलाना सादिक अब्बास,मौलाना रज़ा अब्बास ख़ान,मौलाना सैयद सैफ़ आबदी,मौलाना काज़िम अब्बास,तथा अन्य सम्माननीय उलेमा-ए-किराम उपस्थित हुए

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